मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप कांड की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी (विशेष जांच टीम) के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी का तबादला कर दिया गया है। साथ ही नई एसआईटी का गठन किया गया है। राज्य में हड़कंप मचाने वाले इस कांड की जांच के लिए बनी एसआईटी में नौ दिन के भीतर यह तीसरा बदलाव है।
इससे पहले भी दो बार एसआईटी प्रमुख बदले गए, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। 23 सितंबर को एसआईटी जांच के लिए डीजीपी डी. श्रीनिवास वर्मा की अगुवाई में टीम गठित की गई। वह इंदौर के लिए रवाना हो पाते कि उससे पहले 24 सितंबर को दूसरी एसआईटी बनाई गई, जिसका प्रमुख संजीव शमी को बनाया गया। शमी ने तेजी से काम करना शुरू भी कर दिया था, तब उनको भी हटा दिया गया।
क्लिपिंग की 4,000 से ज्यादा फाइलें
मामले की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गईं महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से बड़ी संख्या में विडियो क्लिपिंग मिली हैं। क्लिपिंग की 4,000 से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं और कुछ तस्वीरें व ऑडियो-क्लिप भी बरामद हुए हैं। गिरोह की महिलाएं अपने जाल में फंसाए गए व्यक्ति की गुप्त तरीके से विडियो-क्लिप बनाती थीं।
'मेरा प्यार' और 'पंछी' कोडवर्ड
उधर, हनी ट्रैप कांड से एक के बाद एक परतें उघड़ती जा रही हैं और जो तस्वीर उभर रही है, वह और ज्यादा चौंकाने वाली है। पकड़ी गई महिलाओं के पास से एसआईटी (विशेष जांच दल) के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें शिकार बनाए गए लोगों से वसूली गई रकम और बकाया का तो ब्यौरा है ही, साथ ही उपयोग में लाए जाने वाले कोडवर्डों का भी जिक्र है। ' मेरा प्यार' और 'पंछी' इस गिरोह के प्रमुख कोडवर्ड थे। कई बार कोडवर्ड 'वीआईपी' का भी उपयोग किया गया।